गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत कोई धर्मशाला नहीं है; लोकसभा में आव्रजन विधेयक पारित

Mar 28, 2025 - 17:37
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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत कोई धर्मशाला नहीं है; लोकसभा में आव्रजन विधेयक पारित

लोकसभा ने गुरुवार को आव्रजन विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तृणमूल कांग्रेस की कड़ी आलोचना की। अमित शाह ने कहा कि जो लोग व्यापार, शिक्षा और निवेश के लिए भारत आएंगे उनका स्वागत किया जाएगा, लेकिन जो लोग देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत कोई लॉज नहीं है।

वह लोकसभा में आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ की बात करते हुए तृणमूल कांग्रेस की कठोर भाषा में आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में अपनी घुसपैठ खत्म कर देगी।

उन्होंने कहा, "आव्रजन कोई विशेष मुद्दा नहीं है। देश की समस्याएं भी इससे जुड़ी हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि देश की सीमा में कौन प्रवेश कर रहा है। हम देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों पर कड़ी नजर रखेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने वालों को देश में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। देश कोई मठ नहीं है।" उन्होंने कहा, "अगर कोई देश के विकास में योगदान देने के लिए देश में आता है, तो उसका हमेशा स्वागत है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार, जो बांग्लादेशियों को आधार कार्ड मुहैया करा रही है, सीमा पर बाड़ लगाने के लिए जमीन आवंटित नहीं कर रही है।

"450 किलोमीटर क्षेत्र में बाड़ लगाने का काम रुका हुआ है, क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने बाड़ लगाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई है।" जब भी बाड़ लगाने की प्रक्रिया होती है, तो सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता गुंडागर्दी दिखाते हैं और धार्मिक नारे लगाते हैं। उन्होंने कहा, "वहां बाड़ लगाने का काम पूरा नहीं हुआ है क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार घुसपैठियों पर दया दिखा रही है।"

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे बांग्लादेशी घुसपैठिए हों या रोहिंग्या, जब कांग्रेस सत्ता में थी तो वे असम के रास्ते भारत आते थे।’’ अब वे पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में प्रवेश कर रहे हैं। उन्हें आधार कार्ड और नागरिकता कौन देता है? पकड़े गए सभी बांग्लादेशियों के पास 24 परगना जिले के आधार कार्ड हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा 2026 में पश्चिम बंगाल में सरकार बनाएगी। तब हम इसे खत्म कर देंगे।’’

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में पड़ोसी देशों से छह उत्पीड़ित समुदायों के लोग सीएए के जरिए देश में शरण मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, "भारत एक भू-सांस्कृतिक राष्ट्र है। भू-राजनीतिक राष्ट्र नहीं। फारसी लोग भारत आए थे। आज वे देश में सुरक्षित हैं। दुनिया का सबसे छोटा अल्पसंख्यक समुदाय केवल भारत में सुरक्षित है।" "इजराइल से भागे यहूदी भारत में आकर बस गए।"

यह विधेयक संसद द्वारा ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। यद्यपि विपक्षी सदस्यों ने कई सुझाव रखे, लेकिन उनमें से किसी पर भी विचार नहीं किया गया। प्रस्तावित कानून का उद्देश्य आव्रजन और विदेशियों से संबंधित विभिन्न सेवाओं को सुव्यवस्थित करना है। इसमें उनके भारत आगमन, प्रस्थान और यहां उनके प्रवास का विवरण शामिल है।

वर्तमान में यह विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम, 1939 और विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम, 1946 द्वारा विनियमित है।

जबकि विदेश में भारतीय दूतावासों या केन्द्रों द्वारा विदेशियों को सभी श्रेणियों के भारतीय वीज़ा भौतिक या स्टीकर के रूप में जारी किए जाते हैं, आव्रजन ब्यूरो 167 देशों के लोगों को सात श्रेणियों में इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा जारी करता है।

इसके अतिरिक्त, आव्रजन अधिकारी तीन देशों के नागरिकों को छह निर्दिष्ट हवाई अड्डों पर आगमन पर वीजा भी प्रदान कर रहे हैं: जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात (केवल उन संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों के लिए जिन्होंने पहले ई-वीजा या नियमित या कागजी वीजा प्राप्त किया था)।

विपक्षी सांसदों ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर आव्रजन अधिकारियों को मनमानी शक्तियां देने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी मांग की कि विधेयक को विस्तृत जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाए।

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