केंद्रीय एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पॉपुलर फ्रंट किस तरह खाड़ी देशों से भारत में धन इकट्ठा कर रहा है

Mar 7, 2025 - 08:18
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केंद्रीय एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पॉपुलर फ्रंट किस तरह खाड़ी देशों से भारत में धन इकट्ठा कर रहा है

ऐसी जानकारी सामने आई है जिससे पता चलता है कि एसडीपीआई और प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) किस तरह खाड़ी देशों से भारत में धन इकट्ठा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पॉपुलर फ्रंट की धन उगाही और गतिविधियां बिना अपना चेहरा उजागर किए अधिक सक्रिय होती जा रही हैं। रिपोर्टों से पता चलता है कि खाड़ी देशों से विभिन्न नामों से धन जुटाया जा रहा है। रिपोर्टों से यह भी संकेत मिलता है कि हवाला और अन्य माध्यमों से भी धन हस्तांतरित किया जा रहा है। केंद्रीय एजेंसियों ने संकेत दिया है कि खाड़ी देशों में भी इसी तरह के पार्टी संगठन गठित किये गये हैं।

इन संगठनों का गठन भारतीय बिरादरी मंच (आईएफएफ) और भारतीय सामाजिक मंच (आईएसएफ) नामों के तहत किया गया था। आईएफएफ पॉपुलर फ्रंट के अंतर्गत काम करता है और आईएसएफ एसडीपीआई के अंतर्गत काम करता है। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने पाया है कि रमजान कलेक्शन के नाम पर खाड़ी देशों में धन उगाही का उद्देश्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियां थीं।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ केरल के मुख्यालय कोझिकोड यूनिटी हाउस में की गई तलाशी के दौरान, 14 दिसंबर, 2018 को मनामा, बहरीन में आयोजित क्षेत्रीय अध्यक्षों, सचिवों और आईएसएफ अध्यक्ष की बैठक के मिनट बरामद किए गए। इस दस्तावेज़ में कहा गया है कि बैठक में भाग लेने वाले एमके फैजी ने कहा कि पार्टी को आवश्यक जनशक्ति और संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए और पार्टी (एसडीपीआई) के धन उगाहने के लक्ष्य सऊदी अरब (केएसए) की क्षेत्रीय इकाइयों के लिए हैं।

आगे की जांच में एसडीपीआई की ओर से पॉपुलर फ्रंट द्वारा किए गए खर्चों से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं। जांच से यह भी पता चला कि पॉपुलर फ्रंट ने जिहाद के लिए धन का इस्तेमाल एसडीपीआई को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किया था।

एसडीपीआई भारत के अंदर और बाहर आपराधिक षड्यंत्रों को अंजाम देने के लिए पॉपुलर फ्रंट द्वारा जुटाई गई धनराशि का मुख्य प्राप्तकर्ता है। जांच से यह भी पता चला कि पॉपुलर फ्रंट के फंड का इस्तेमाल भारत में विभिन्न अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। लेकिन पॉपुलर फ्रंट से एसडीपीआई तक पहुंचे पैसे का उनके बैंक खाते में कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसका मतलब यह स्पष्ट है कि पैसा अवैध तरीकों से उनके पास पहुंचा। इस तरह, एसडीपीआई इस दावे से भी इनकार कर सकती है कि उन्हें पॉपुलर फ्रंट से धन मिल रहा है।

केंद्रीय एजेंसियों की जांच से पता चला कि एसडीपीआई का इस्तेमाल पॉपुलर फ्रंट के राजनीतिक एजेंडे को लागू करने के लिए किया जा रहा था। हालांकि नेताओं ने दावा किया कि एसडीपीआई और पॉपुलर फ्रंट स्वतंत्र संगठन हैं, लेकिन पॉपुलर फ्रंट का एसडीपीआई पर पूरा नियंत्रण था।

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